हिंदी सीखने के लिए

वर्ण -विचार


  मनुष्य अपने भावों और विचारों को भाषा के माध्यम से व्यक्त करता है। जैसे:- हिंदी , अंग्रेजी , उर्दू , फ़ारसी आदि। हिंदी भाषा सीखने के लिए हमें वर्णमाला के माध्यम से वर्णों को जानना आवश्यक होता है क्योंकि वर्णों से ही शब्दों का निर्माण होता है, शब्दों से पदों का, पदों से वाक्यों का , वाक्यों से ‌ही भाषा का निर्माण होता है।
 वर्णमाला जानने के बाद हमें वर्णों के भेद या प्रकार जानने होंगे।
वर्णों के प्रकार
   Hindi (हिन्दी) Consonants (व्यंजन) | Hindi alphabet ...                 
स्वर :- स्वर स्वतंत्र ध्वनियां होती हैं। हिंदी वर्णमाला में 11स्वर हैं। स्वरों की अपनी मात्राएं होती हैं। इन्हीं यात्राओं को बारहखड़ी भी कहा जाता है। उदाहरणतया :- क , का , कि , की , कु , कू , कृ , के , कै , को , कौ आदि।
जबकि  कं   :- अनुसार सहित
            कॅं   :- अनुनासिक सहित है।
ऊपर छपे चित्रों का उच्चारण करते ( या बोलते ) समय हमें महसूस हो जाता है कि सभी शब्दों में व्यंजनो के साथ स्वर  की भी आवाज़ आती है। जैसे :-
पुस्तक - प् + उ + स् + त् + अ + क् + अ
केला - क् + ऐ + ल्  + आ
गुलाब - ग् + उ + ल् + आ + ब् +अ
ताजमहल - त् + आ + ज् + अ + म् + अ + ह् + अ + ल्+ अ
द्वित्व व्यंजन :- जब किन्हीं दो समान व्यंजनों को मिला कर लिखा जाता है तो वे द्वित्व व्यंजन कहलाते हैं। जैसे :-
क् + क - क्क =  पक्का , मक्का
स् + स - स्स  =  रस्सी , किस्सा
संयुक्त अक्षर :- जब दो असमान व्यंजनों को मिलाकर लिखा जाता है तो उसे संयुक्त अक्षर कहा जाता है। जैसे :-
क् + ख  - क्ख  = मक्खन
स् + त - स्त =  स्तर , मस्त
हिंदी भाषा में ( र ) व्यंजन के तीन रूप होते हैं।
र् + म - र्म = शर्म , कर्म , धर्म
क् + र् - क्र = क्रम , चक्र , वक्र
ट् + र् - ट्रंक , ट्राम

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