हिंदी सीखने के लिए
वर्ण -विचार
वर्णमाला जानने के बाद हमें वर्णों के भेद या प्रकार जानने होंगे।
वर्णों के प्रकार
स्वर :- स्वर स्वतंत्र ध्वनियां होती हैं। हिंदी वर्णमाला में 11स्वर हैं। स्वरों की अपनी मात्राएं होती हैं। इन्हीं यात्राओं को बारहखड़ी भी कहा जाता है। उदाहरणतया :- क , का , कि , की , कु , कू , कृ , के , कै , को , कौ आदि।
जबकि कं :- अनुसार सहित
कॅं :- अनुनासिक सहित है।
ऊपर छपे चित्रों का उच्चारण करते ( या बोलते ) समय हमें महसूस हो जाता है कि सभी शब्दों में व्यंजनो के साथ स्वर की भी आवाज़ आती है। जैसे :-
पुस्तक - प् + उ + स् + त् + अ + क् + अ
केला - क् + ऐ + ल् + आ
गुलाब - ग् + उ + ल् + आ + ब् +अ
ताजमहल - त् + आ + ज् + अ + म् + अ + ह् + अ + ल्+ अ
द्वित्व व्यंजन :- जब किन्हीं दो समान व्यंजनों को मिला कर लिखा जाता है तो वे द्वित्व व्यंजन कहलाते हैं। जैसे :-
क् + क - क्क = पक्का , मक्का
स् + स - स्स = रस्सी , किस्सा
संयुक्त अक्षर :- जब दो असमान व्यंजनों को मिलाकर लिखा जाता है तो उसे संयुक्त अक्षर कहा जाता है। जैसे :-
क् + ख - क्ख = मक्खन
स् + त - स्त = स्तर , मस्त
हिंदी भाषा में ( र ) व्यंजन के तीन रूप होते हैं।
र् + म - र्म = शर्म , कर्म , धर्म
क् + र् - क्र = क्रम , चक्र , वक्र
ट् + र् - ट्रंक , ट्राम
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