Shorts poems for Kids
मां
मां की ममता से क्या बढ़कर ,
मां की गोदी स्वर्ग से सुंदर ,
मां की थपकी उड़न खटोला ,
मां का आंचल चैन का बिस्तर,
बच्चे की राहत का घोंसला,
मां के कंधे की टहनी पर,
रोता बच्चा चुप हो जाए ।
मां दे जब रोटी, गुड़, घी, शक्कर,
मां जितनी बाहर दिखती है,
उससे गहरी मन के अंदर ,
मां के प्यार की थाह न कोई ,
मां का ह्रदय अथाह समंदर ,
बच्चे में है मां की दुनिया ,
मां में है बच्चो का ईश्वर।
सहारा
( Shorts poems for Kids )
बचपन में सब पढ़ते लिखते ,
उछल कूद भी करते ,
मम्मी पापा से थोड़ा- सा
कभी-कभी सब डरते ,
बड़े हुए तो दूल्हा बनकर ,
अपना बयाह रचाते ,
एक दुल्हनिया लाकर घर में ,
फिर परिवार बसाते ,
और बड़े होते तो सर पर ,
विकट बुढ़ापा आता ,
बीमारी या कमजोरी में ,
इनको बहुत सताता ,
दादा - दादी , नाना- नानी
सब मिल बच्चे पाले ,
और अगर बीमार पड़े तो,
ये ही इन्हें संभाले ,
बच्चों ! उनकी सेवा करना ,
है कर्तव्य हमारा ,
बने सहारा जैसे ये सब ,
इनका बने सहारा।
मेघा मेघा पानी दे
( Shorts poems for Kids )
मेघा मेघा पानी दे
मेघा मेघा पानी दे ,
पानी दे जिंदगानी दे ,
झूम झूम के गाना गाए,
ऐसी नई कहानी दे।
मेघा मेघा पानी दे ,
मेघा तू सौ बार बरस ,
जोर नहीं धीरे से बरस,
मेरा छोटा ताल तलैया ,
भर जाए तो थम के बरस,
बूंदों को नई जवानी दे ।
मेघा मेघा पानी दे,
दिन में बरस तू रात बरस ,
बार बार हर बार बरस,
जिस दिन स्कूल जाना हो,
उस दिन बारंबार बरस ,
छुट्टी की कोई निशानी दे ।
मेघा मेघा पानी दे ,
प्यासी रहती चिड़िया रानी,
प्यासा कौवा प्यासा भालू ,
प्यासी रहती शेरनी ,
तू बंदर को शैतानी दे।
मेघा मेघा पानी दे ,
सूखा खेत पपड़ी छोडे,
सूखा पेड़ कैसे फूले,
सूखी डाली कैसे झूले,
झूले को तेज रवानी दे,
मेघा मेघा पानी दे।
( Shorts poems for Kids )
मां की ममता से क्या बढ़कर ,
मां की गोदी स्वर्ग से सुंदर ,
मां की थपकी उड़न खटोला ,
मां का आंचल चैन का बिस्तर,
बच्चे की राहत का घोंसला,
मां के कंधे की टहनी पर,
रोता बच्चा चुप हो जाए ।
मां दे जब रोटी, गुड़, घी, शक्कर,
मां जितनी बाहर दिखती है,
उससे गहरी मन के अंदर ,
मां के प्यार की थाह न कोई ,
मां का ह्रदय अथाह समंदर ,
बच्चे में है मां की दुनिया ,
मां में है बच्चो का ईश्वर।
सहारा
( Shorts poems for Kids )
बचपन में सब पढ़ते लिखते ,
उछल कूद भी करते ,
मम्मी पापा से थोड़ा- सा
कभी-कभी सब डरते ,
बड़े हुए तो दूल्हा बनकर ,
अपना बयाह रचाते ,
एक दुल्हनिया लाकर घर में ,
फिर परिवार बसाते ,
और बड़े होते तो सर पर ,
विकट बुढ़ापा आता ,
बीमारी या कमजोरी में ,
इनको बहुत सताता ,
दादा - दादी , नाना- नानी
सब मिल बच्चे पाले ,
और अगर बीमार पड़े तो,
ये ही इन्हें संभाले ,
बच्चों ! उनकी सेवा करना ,
है कर्तव्य हमारा ,
बने सहारा जैसे ये सब ,
इनका बने सहारा।
मेघा मेघा पानी दे
( Shorts poems for Kids )
मेघा मेघा पानी दे
मेघा मेघा पानी दे ,
पानी दे जिंदगानी दे ,
झूम झूम के गाना गाए,
ऐसी नई कहानी दे।
मेघा मेघा पानी दे ,
मेघा तू सौ बार बरस ,
जोर नहीं धीरे से बरस,
मेरा छोटा ताल तलैया ,
भर जाए तो थम के बरस,
बूंदों को नई जवानी दे ।
मेघा मेघा पानी दे,
दिन में बरस तू रात बरस ,
बार बार हर बार बरस,
जिस दिन स्कूल जाना हो,
उस दिन बारंबार बरस ,
छुट्टी की कोई निशानी दे ।
मेघा मेघा पानी दे ,
प्यासी रहती चिड़िया रानी,
प्यासा कौवा प्यासा भालू ,
प्यासी रहती शेरनी ,
तू बंदर को शैतानी दे।
मेघा मेघा पानी दे ,
सूखा खेत पपड़ी छोडे,
सूखा पेड़ कैसे फूले,
सूखी डाली कैसे झूले,
झूले को तेज रवानी दे,
मेघा मेघा पानी दे।


All poems are very touching and share some poems on moral values.
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