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Shorts poems for Kids

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                                     मां  ( Shorts poems  for Kids )                              मां की ममता से क्या बढ़कर , मां की गोदी स्वर्ग से सुंदर ,        मां की थपकी उड़न खटोला , मां का आंचल चैन का बिस्तर, बच्चे की राहत का घोंसला,  मां के कंधे की टहनी पर,  रोता बच्चा चुप हो जाए । मां दे जब रोटी, गुड़, घी, शक्कर,  मां जितनी बाहर दिखती है,  उससे गहरी मन के अंदर ,  मां के प्यार की थाह न कोई , मां का ह्रदय अथाह समंदर , बच्चे में है मां की दुनिया , मां में है बच्चो का ईश्वर।                                      सहारा                                  ...

Short Poems For Kids

                                 भारत महान  थोड़ा अभी चंद्रयान  पूरे विश्व में भारत ने कमाया नाम है ।  यह भारत के संस्कार हैं ,  जो अभी तक उसका ऊंचा नाम है।  भारत ने दी पनाह सबको, माना अपना है सबको,  रक्षा की भारत भूमि की ,उन वीर जवानों ने,  भारत पर कभी आंच ना आने दी  चाहे अपनी जान ही क्यों कुर्बान न करनी पड़े । गौरव निधान तू है ,महिमा महान तू है । हमारी जननी का सम्मान तू  है।  तुम्हारे लिए जीते , तुम्हारे लिए मरते  तेरे लिए जीवन भर आराधना हम करते।  जीवन सुमन चढ़ाकर आराधना करेंगे । तेरी जन्म जन्म भर हम वंदना करेंगे।  यह भारत के संस्कार हैं , जो अभी तक उसका ऊंचा नाम है । हमारा भारत महान  ।                                             सारा देश हमारा सारा देश हमारा केरल से करगिल घाटी तक  ग...

हरियाली तीज

                           हरियाली तीज   उमंग से भरा सावन का महीना और हरियाली के बीच आने वाले तीज का त्यौहार यहां लोगों के रंग चाव और बढ़ा देते हैं । बच्चों के साथ-साथ महिलाओं और युवतियों का मन झूला झूलने को हिलोरे लेने लगता है।  महिलाएं तो लोकगीतों पर झूलने के साथ साथ नाचते गाते भी है ।                 शिव पार्वती के मिलन उत्सव के रूप में सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व जन-जन को अनेक खुशियां सांझा करने का मौका प्रदान करता है  सुहागिन इस दिन व्रत रखती हैं और सोलह सिंगार करके पूजा करती हैं तथा कथा सुनकर सास और सुहागिनों को सुहागी देकर सदा सुहागिन बने रहने का आशीर्वाद पाती हैं  अनेक युवतियां और महिलाएं दामन- कुर्ता पहन कर पेड़ पर झूला डालकर झूलती नजर आती है ।  तीज के संबंध में पौराणिक कथा के अनुसार शिव पुराण में लिखा है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए अन्न जल त्याग कर अनेक वर्षों तक घोर तपस्या की थ...

Hindi Stories With Morals

               चालाक लोमड़ी और मुर्गा एक छोटे से गांव में रहने वाले मुर्गे को अपनी आवाज पर बड़ा नाज़ था । एक दिन एक चालाक लोमड़ी उसके पास आई और बोली ," मुर्गे,  महाशय! सुना है, आपकी आवाज बड़ी प्यारी और बुलंद है।"  मुर्गे ने गद् गद होकर अपनी आंखें मींची और ऊंची आवाज में चिल्लाया कुकड़ू कू कुकड़ू कु पर तभी लोमड़ी ने फुर्ती से उसे अपने मुंह में दबोच लिया  और जंगल की ओर भाग चली । गांव वालों की नजर उस पर पड़ी तो वे चिल्लाए," पकड़ो, मारो ! यह तो हमारा मुर्गा दबोचे लिए जा रही है ।" लोमड़ी ने उनकी चिल्लाहट पर ध्यान नहीं दिया और यह देखकर मुर्गा बोला , "लोमडी बहन ,ये गांव वाले चिल्ला रहे हैं कि तुम हमारा मुर्गा दबोचे लिए जा रही हो।  आप इन्हें जवाब क्यों नहीं देती कि हम मुर्गा आपका है उनका नहीं ?"  लोमड़ी को मुर्गे की बात जम गई। उसने फौरन फौरन मुंह खोला। जैसे ही लोमड़ी का मुंह खुला मुर्गा उसके मुंह से छूटकर भाग गया । वह सरपट भागा और उसने अपने गांव वालों के पास पहुंच गया  शिक्षा :- इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमे...

संज्ञा और उसके भेद

                                          संज्ञा आइए हम अपने चारों ओर के वातावरण को देखते हैं। हमारे चारों ओर जो भी वस्तु हमें दिखाई देती है उसका कोई न कोई नाम अवश्य होता है। इन्हीं नामो को ही संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा :-  जो शब्द किसी वस्तु , व्यक्ति , प्राणी , स्थान और भाव आदि का बोध कराते हैं ,वे संज्ञा कहलाते हैं। जैसे:-हम किसी बाग में जाते हैं और वहां पर चारों ओर गुलाब , गेंदा और चमेली के फूल खिले हैं। वहां आदमी , औरतें और बच्चे इधर उधर बैठे हैं। बच्चे प्रसन्नता से खेल रहे हैं। गौरव और अंजू झूला झूल रहे हैं।  ऊपर लिखित वाक्यों में निम्नलिखित नाम आए हैं। जैसे:- बाग , गुलाब , गेंदा , चमेली , आदमी , औरत , बच्चे , प्रसन्नता , गौरव और अंजू। * प्रसन्नता मन का भाव है।                                  संज्ञा के भेद मुख्यत संज्ञा के तीन रूप होते हैं। संज्ञा के भेद     ...

हिंदी सीखने के लिए

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वर्ण -विचार   मनुष्य अपने भावों और विचारों को भाषा के माध्यम से व्यक्त करता है। जैसे:- हिंदी , अंग्रेजी , उर्दू , फ़ारसी आदि। हिंदी भाषा सीखने के लिए हमें वर्णमाला के माध्यम से वर्णों को जानना आवश्यक होता है क्योंकि वर्णों से ही शब्दों का निर्माण होता है, शब्दों से पदों का, पदों से वाक्यों का , वाक्यों से ‌ही भाषा का निर्माण होता है।  वर्णमाला जानने के बाद हमें वर्णों के भेद या प्रकार जानने होंगे। वर्णों के प्रकार                       स्वर :- स्वर स्वतंत्र ध्वनियां होती हैं। हिंदी वर्णमाला में 11स्वर हैं। स्वरों की अपनी मात्राएं होती हैं। इन्हीं यात्राओं को बारहखड़ी भी कहा जाता है। उदाहरणतया :- क , का , कि , की , कु , कू , कृ , के , कै , को , कौ आदि। जबकि  कं   :- अनुसार सहित             कॅं   :- अनुनासिक सहित है। ऊपर छपे चित्रों का उच्चारण करते ( या बोलते ) समय हमें महसूस हो जाता है कि सभी शब्दों में व्यंजनो के साथ स्वर  की भी आवाज़ आती है। जैसे :- ...

गुरु पूर्णिमा का महत्व

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                                                                                 गुरु  पूर्णिमा :-  आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा महाकाव्य महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है।वेद व्यास संस्कृत भाषा के महान् ज्ञाता थे। सभी 18 पुराणों का रचियता भी महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है। वेदो को विभाजित करने का श्रेय भी वेद व्यास को  जाता है। इसलिए वेदव्यास जी के जन्म दिवस को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा की धार्मिक मान्यता :- धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा आराधना की जाती है। देश में गुरु पूर्णिमा का बहुत ही महत्त्व है। गुरु पूर्णिमा को लोग बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। भारत ऋषियों और मनीषियों क...

हिंदी वर्णमाला

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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी भाषा को सीखने के लिए हमें उस भाषा की सबसे छोटी इकाई को जानना पड़ता है। हिंदी सीखने के लिए भी हिंदी वर्णों को सीखना अति आवश्यक है। वर्ण :- हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते हैं।  वर्णमाला :- जहां सभी वर्णों को एक स्थान पर व्यवस्थित ढंग से लिखें जाए उसे वर्णमाला कहते हैं।                        हिंदी वर्णमाला     स्वर:-  अ     आ    इ     ई     उ    ऊ    ऋ               ए      ऐ    ओ    औ     अनुस्वार :- अं     अनुनासिक :- ॲ     व्यंजन :-    क    ख   ग    घ    ङ                     च    छ    ज   झ   ञ             ...